बेईमानी

"भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की कल्पना करना तब तक बेईमानी है जब तक हम स्वयं भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो जाते।"
आचार्य उदय

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रारम्भ स्वयं से हो।

आपका अख्तर खान अकेला said...

lo hm to bhrstachar mukt hue jnab. akhtar khan akela kota rajsthan