मन की शांति

मन क्यों उदास हो जाता है, मन की इच्छाएं क्यों असीमित हो जाती हैं, मन में लालसाएं व जिज्ञासाएं हर पल क्यों जन्म लेती हैं, क्यों मन की शांति के लिये भटकना पडता है, मन की शांति का उपाय क्या है !!!

मन चंचल है, भूखा-प्यासा है, लालची है, व्याकुल है, अस्थिर है!!!

मन पर नियंत्रण बेहद सरल कार्य है, जैसे ही मन में कोई इच्छा जागृत हो उसे तत्काल शांत कर दीजिये, मन को संदेश दो अभी रुक जाओ एक घंटे के बाद प्रयास करते हैं, चाय पीने की इच्छा जागृत हुई चाय पिओ पर एक घंटे के बाद, धीरे धीरे इस अवधि को बढाते जाईये ... आपका मन स्वमेव शांत होने लगेगा!!!!!

आशीर्वचन

प्रिय वत्स

हम पदार्पण कर चुके हैं आपकी ब्लागरूपी मायावी दुनिया में, मांसिक तरंगों से संदेश प्राप्त हो रहे थे कि यहां कुछ बदमाश प्रवृत्ती के दुष्ट लोगों ने भय व अशांति का वातावरण बना रखा है।

किंतु अब आप लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, यहां का वातावरण शनै शनै शांतिपूर्ण हो जायेगा।

आप लोगों को मात्र एक मंत्र दे रहा हूं सभी अपने अपने मन मस्तिष्क में समाहित कर लें, मेरे द्वारा आशीर्वचन स्वरूप जारी उपदेशों को सर्वप्रथम मनन व चिंतन करें, यदि किसी प्रकार का संशय हो तब मेरे समक्ष उपस्थित हो कर अपनी संकाय अभिव्यक्त करें, हम स्वयं उनका सकारात्मक समाधान करेंगे।

हमारा स्नेह व आशीर्वाद सदैव आपके साथ है।

आचार्य जी