हम इस संसार के सबसे बड़े मूर्ख हैं !

"यदि हम यह जान सोच कर काम कर रहे हैं कि इस संसार से जाते समय कुछ--कुछ साथ में लेकर जायेंगे तो यह हमारी मूर्खता है तात्पर्य यह है कि हम इस संसार के सबसे बड़े मूर्ख हैं।"
आचार्य उदय

मन्त्र शक्ति

"मन में उठने वाले विचारों की तीव्रता, निरंतरता एकाग्रता मन्त्र की भांति कार्य करने लगती है तथा मन के विचार कार्य रूप में परिणित होने लगते हैं यह मन्त्र शक्ति का एक स्वाभाविक रूप है।"
आचार्य उदय

नगण्य

"यह सच है कि भ्रष्टाचार ने एक गंभीर समस्या का रूप ले लिया है किन्तु उससे भी गंभीर समस्या यह है कि इसकी रोकथाम की दिशा में प्रयास नगण्य हैं"
आचार्य उदय

बीमारी

"भ्रष्टाचार एक मांसिक बीमारी है जिसका इलाज कठोर दंडात्मक प्रक्रिया से ही संभव है।"
आचार्य उदय

दीमक

"भ्रष्टाचार एक विकराल समस्या है जो शनै शनै देश को दीमक की भांति खोखला कर रही है।"
आचार्य उदय


कुण्डलिनी शक्ति

"यह आवश्यक नहीं कि सिर्फ आँख मूंदकर ध्यान अथवा जाप करने से ही कुण्डलिनी शक्ति जागृत हो वरन किसी भी कार्य को एकाग्रचित होकर संपन्न करने के दौरान भी कुण्डलिनी शक्ति का जागृत होना संभव है।"
आचार्य उदय

ईश्वर

"ईश्वर हमारी आस्था विश्वास में वास करते हैं आस्था विश्वास के एकाग्रचित होने पर ही ईश्वर के साक्षात्कार संभव हैं।"
आचार्य उदय

प्रेम

"प्रेम वह नहीं जिसे हम जताते फिरते हैं दरअसल प्रेम तो वह है जिसे हम हर क्षण निस्वार्थ भाव से निभाते चलते हैं।"
आचार्य उदय

मन

"मन समुद्र की भांति हर क्षण हिलोरें मारते रहता है और जब कभी शांत प्रतीत होता है तब भी वह अन्दर-ही-अन्दर चलायमान रहता है।"
आचार्य उदय

राष्ट्रीय संपदा

"ईमानदार बुद्धिमान व्यक्तित्व स्वमेव राष्ट्रीय संपदा से बढ़कर होते हैं इनकी उपेक्षा देश के लिए अहितकर है।"
आचार्य उदय

कर्तव्य

"राजा, शासक, प्रधान, मुखिया का प्रथम कर्तव्य अपनी प्रजा का पालन-पोषण सुरक्षा प्रदाय करते हुए भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए योजनाओं का निर्धारण करना है।"
आचार्य उदय

सक्षम

"इंसान अपने कर्मों से कुदरत के विधान को बदलने में एक दायरे तक सक्षम है तथा इस दायरे के पार जाने का तात्पर्य ईश्वर में विलीन हो जाना है।"
आचार्य उदय

सकारात्मकता

"मन की भावनाओं विचारधाराओं में सकारात्मकता का समावेश कर ऊर्जावान बनाया जाना संभव है।"
आचार्य उदय

पर्यावरण संरक्षण

"पर्यावरण संरक्षण में बच्चे महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन कर सकते हैं बशर्ते उन्हें समय समय पर शिक्षित, उत्साहित प्रोत्साहित किया जाए।"
आचार्य उदय

प्रकृत्ति

"प्रकृत्ति की स्वभाविकता में बदलाव का विचार करने की अपेक्षा हमें प्रकृत्ति के स्वाभाविक रूप में ही आनंद प्राप्त करना चाहिये।"
आचार्य उदय

दावा

"ये माना कि यह दावा सच्चा हो कि हमारे देश में कोई भ्रष्टाचारी नहीं है! कोई बताये फिर भ्रष्टाचार कौन कैसे कर रहा है जिससे देश की व्यवस्था दिन-व्-दिन खोखली हो रही है!!"
आचार्य उदय

उन्माद

"सफलताओं के उन्माद में इंसान यह भूल जाता है कि एक दिन उसे असफलताओं का स्वाद भी चखना पड़ सकता है।"
आचार्य उदय

भाषा

"वह दिन दूर नहीं जब सम्पूर्ण धरती पर एक ही भाषा अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभर कर सामने जायेगी जो हर जुबान पर बोली सुनी जायेगी।"
आचार्य उदय

ज़रा सोचिये !

"ज़रा सोचिये, क्या हम भ्रष्टाचारियों द्वारा निर्मित संचालित भ्रष्ट सिस्टम के अंग बन कर रह गए हैं !"
आचार्य उदय

महामारी

"भ्रष्टाचार एक महामारी है पर उनके लिए नहीं जो उसे देख रहे हैं वरन उनके लिए है जो उससे पीड़ित हैं।"
आचार्य उदय

स्वैच्छिक मिलन

"संभोग के लिए दो शक्तियों अर्थात व्यक्तित्व का स्वैच्छिक मिलन अर्थात समागम अत्यंत आवश्यक है स्वैच्छा के अभाव में एक-दूसरे का समान रूप से भोग करना संभव नहीं है।"

आचार्य उदय

स्वच्छता व शीतलता

"पेड़-पौधे, जल और वायु की स्वच्छता शीतलता ही हमारा स्वच्छ स्वस्थ्य पर्यावरण है।"
आचार्य उदय

बेईमानी

"भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की कल्पना करना तब तक बेईमानी है जब तक हम स्वयं भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो जाते।"
आचार्य उदय

वर्षा व बाढ़

"अत्यधिक वर्षा बाढ़ के प्रकोप से गन्दगी सतह पर बिखर कर लम्बे समय तक पर्यावरण को दूषित करती है अतएव अविलम्ब साफ़-सफाई राहत का प्राथमिक हिस्सा होना चाहिये"
आचार्य उदय

क्रियाशीलता

"ग्राम पंचायतें, नगर पंचायतें, नगर पालिकाएं, नगर पालिका निगम एन.जी..संस्थाओं के तनिक तनिक प्रयास से पर्यावरण का स्वच्छ स्वस्थ्य रहना संभव है किन्तु इन संस्थाओं को क्रियाशील रहना आवश्यक है।"
आचार्य उदय

शिक्षा

"पर्यावरण की स्वच्छता महत्ता की शिक्षा अन्य शिक्षाओं की भांति अत्यंत महत्वपूर्ण है अतएव हमें बच्चों को समय समय पर आवश्यक रूप से पर्यावरण की शिक्षा देते रहना चाहिये।"
आचार्य उदय

प्राथमिकता

"दूषित पर्यावरण सिर्फ हमारे वरन गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी हानिकारक है अतएव स्वच्छ स्वस्थ्य पर्यावरण हमारी प्राथमिकता होना चाहिये।"
आचार्य उदय

शर्म

"यह अत्यंत शर्म की बात है कि हम ही पर्यावरण को अप्रत्यक्ष रूप से दूषित कर रहे हैं और हम ही प्रत्यक्ष रूप से दूषित पर्यावरण के शिकार हैं।"
आचार्य उदय

साफ़-सफाई

" आस-पास, गली-मोहल्लों, चौक-चौराहों में पडा कूडा-करकट निसंदेह पर्यावरण को दूषित कर रहा है, क्या साफ़-सफाई के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं !"
आचार्य उदय

पर्यावरण हितैषी

"पर्यावरण को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए हमें कदम कदम पर जागरुक रहकर पर्यावरण हितैषी बनकर निसंकोच स्वच्छता बनाए रखने में योगदान प्रदान करना चाहिये"
आचार्य उदय

पर्यावरण

"पर्यावरण जितना ज्यादा स्वच्छ, स्वस्थ्य ऊर्जावान रहेगा, उतना ही ज्यादा हमारा मन और तन खुशहाल क्रियाशील रहेगा।"
आचार्य उदय

फूल-पौधे

"खुशबूदार फूल-पौधों की बहुलता से पर्यावरण खुशनुमा रहता है अत: हमें आसपास फूल-पौधों के रोपण रखरखाव पर विशेष ध्यान देना चाहिये"
आचार्य उदय

पशु-पक्षी

"मृत पशु-पक्षियों को लावारिस स्थिति में सार्वजनिक स्थान पर छोड़ अथवा फेंक देने से भी पर्यावरण दूषित होता है अत: उनका अंतिम संस्कार सुव्यवस्थित ढंग से करना भी हमारा कर्तव्य है।"
आचार्य उदय

वृक्षारोपण

"वृक्षों की अधिकता से पर्यावरण स्वमेव स्वच्छ मनभावन हो जाता है अत: स्वच्छ स्वस्थ्य पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक हैं।"
आचार्य उदय

दूषित पर्यावरण

"धूल, धुआं, कचरा, गन्दगी, बदबू मिलकर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं पर्यावरण का साफ़-सुथरा रहना मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।"
आचार्य उदय

पर्यावरण

"पर्यावरण से तात्पर्य हमारे आसपास, चारों ओर फैले अर्थात बिखरे प्राकृतिक वातावरण से है पर्यावरण जितना स्वच्छ मनभावन रहेगा हम उतने ही खुशहाल स्वस्थ्य रहेंगे।"
आचार्य उदय

प्रदूषण

"प्रदूषण धीमे जहर की भांति शनै शनै पर्यावरण को दूषित कर रहा है जो मानव प्रजाति पृथ्वी के लिए सदा सदा के लिए अहितकर है।"
आचार्य उदय

शिक्षा

"शिक्षा का विकास व विस्तार देश, समाज व् संस्कृति के हित में सर्वोपरी है हमें हर क्षण इस दिशा में क्रियाशील रहना चाहिये।"
आचार्य उदय

स्त्री-पुरुष

"सिर्फ स्त्री-पुरुष का समागम रत होकर एक-दूसरे का भोग करना संभोग नहीं है वरन नदी का सागर में मिलन आत्मा का परमात्मा से मिलन अर्थात समागम भी संभोग है"
आचार्य उदय

संभोग

"संभोग से तात्पर्य दो शक्तियों अथवा व्यक्तित्व का आपस में स्वैच्छिक मिलन अर्थात समागम रत होकर एक-दूसरे का सामान रूप से भोग करने से है।"

आचार्य उदय

शोषण

"कमजोर दिल के इंसान हालात मजबूरियों के कारण असहाय होकर शोषण का शिकार बन जाते हैं किन्तु दृढ निश्चय कर लेने से शोषण से बचा जा सकता है।"

आचार्य उदय

गरीब

"गरीब वह नहीं जो रूखी-सूखी रोटी खाकर सो रहा है गरीब वह है जिसके पास छप्पन-भोग तो हैं पर बीमारियों की वजह से खाए बगैर सो रहा है।"

आचार्य उदय

परीक्षा

"कठिन पलों में सिर्फ अपनों की परीक्षा होती है वरन हमें भी अपनों के समक्ष परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है।"

आचार्य उदय

अहितकर

"ईमानदार मेहनतकश लोगों को नजर अंदाज करना विकासशील व्यवस्था देश के लिए अहितकर है।"

आचार्य
उदय

गुनहगार

"पाप कर्मों से कमाई गई दौलत के हिस्से को दान-पुण्य में लगाने से हम दिखावे के लिए धर्मात्मा बन सकते है किन्तु सत्य तो यही रहेगा की हम ईश्वर की नज़रों में गुनहगार हैं।"
आचार्य उदय

चापलूसी व जी-हुजूरी

"चापलूसी जी-हुजूरी के माध्यम से भी शिखर पर पहुँचना संभव है इसके लिए इंसान का ईमानदार मेहनतकश होना आवश्यक नहीं है।"
आचार्य उदय

सरल व सहज

"छल, कपट, बेईमानी जैसे कठिन मार्ग पर चलकर इंसान को जीतने का प्रयास करने से बेहतर है प्रेम व समर्पण रूपी मार्ग पर चलकर इंसान को जीतना सरल व सहज है।"
आचार्य उदय

ऊर्जा

"मन की भावनाएं सदैव ऊर्जावान होती हैं हमें ऊर्जाओं में समाहित शक्तियों को पहचान कर ग्रहण करने के लिए एकाग्रचित होने की आवश्यकता है।"
आचार्य उदय

ऊर्जा

"उत्साह व जिज्ञासा जीवन में अत्यंत आवश्यक हैं जो नियमित ऊर्जा का संचार बनाए रखने में सहायक व उपयोगी हैं।"
आचार्य उदय

शान्ति

"शान्ति का संबंध मांसिक संतोष से है शान्ति के लिए धन, संपदा, बैभव का होना आवश्यक नहीं है।"
आचार्य उदय

चरमोत्कर्ष

"नाम,यश,कीर्ति, सुख,सम्रद्धि,धन,बैभव,संपदा का संगम सफलता का चरमोत्कर्ष है।"
आचार्य उदय

भ्रष्टाचार

"मैं जैसे जैसे भ्रष्टाचार की सीमाएं तोड़ रहा था ठीक वैसे वैसे ही मेरे परिजन शिष्टाचार की मर्यादाएं तोड़ रहे थे, अंत में मैंने पाया कि दौलतें व बच्चे दोनों ही मेरे हाथ से निकल गए।"
आचार्य उदय