Showing posts with label तंत्र-मन्त्र-यंत्र. Show all posts
Showing posts with label तंत्र-मन्त्र-यंत्र. Show all posts

मंत्र

"मंत्र" कोई अजूबा नहीं है ... मन में उठने वाले विचार, सोच, कल्पनाएं, स्मरण ही "मंत्र" हैं!"
आचार्य उदय

यंत्र शक्ति

"यंत्र शक्ति क्या है ! यंत्र कोई अजूबा नहीं है आपके हाथ में जो "मोबाईल" है वह यंत्र है ... इस "मोबाईलनुमा" यंत्र में संचार शक्ति है जिसके माध्यम से आप दूर बैठे किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते हैं ... किसी दूर बैठे व्यक्ति से वार्तालाप करना अपने आप में आश्चर्यजनक है ... आश्चर्य है इसलिये "तंत्र-मंत्र-यंत्र" का हिस्सा है ... मोबाईल, मोटर साईकल, रेलगाडी, हवाई जहाज, वगैरह वगैरह ... सब "यंत्र" हैं।"
आचार्य उदय

मन्त्र शक्ति

"मन में उठने वाले विचारों की तीव्रता, निरंतरता एकाग्रता मन्त्र की भांति कार्य करने लगती है तथा मन के विचार कार्य रूप में परिणित होने लगते हैं यह मन्त्र शक्ति का एक स्वाभाविक रूप है।"
आचार्य उदय