मंत्र

"मंत्र" कोई अजूबा नहीं है ... मन में उठने वाले विचार, सोच, कल्पनाएं, स्मरण ही "मंत्र" हैं!"
आचार्य उदय

खटका-टोटका

"किसी भी प्रकार का खटका-टोटका मत रखो दिल में, परन्तु मन, तन, और घर को साफ़-सुथरा रखना हमारा प्राथमिक दायित्व कर्तव्य है !"
आचार्य उदय

दोस्त

"दोस्तों तुम खुद से बाहर कब आओगे"
आचार्य उदय

परमात्मा

"आत्मा मन का भोग करती है, मन तन का भोग करता है, तन प्रकृति का भोग करता है, प्रकृति ब्रम्हांड का भोग करती है, और ये ब्रम्हांड ही परमात्मा का साकार रूप है !"
आचार्य उदय

प्रार्थना और समाधी

"प्रेम से बढ़कर कोई प्रार्थना नहीं, और सम्भोग से बढ़कर कोई समाधी नहीं ।"
आचार्य उदय

पूर्णता

"संसार में अब तक कोई इंसान पूर्ण नहीं हुआ है, यदि पूर्ण हुआ होता तो हम हर क्षण नवीन सृजन खोज की ओर अग्रसर नहीं होते ।"
आचार्य उदय