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समाधी

"संभोग अपने आप में एक समाधी है किन्तु यह सत्य बहुत कम लोग जानते, मानते, समझते हैं !"
आचार्य उदय

प्रार्थना और समाधी

"प्रेम से बढ़कर कोई प्रार्थना नहीं, और सम्भोग से बढ़कर कोई समाधी नहीं ।"
आचार्य उदय

प्रेम व मिलन

"स्त्री पुरुष दो ईश्वरीय शक्तियां हैं जो एक-दूसरे की पूरक हैं, दोनों के परस्पर प्रेम व मिलन से ही नवीन सृजन संभव है।"
आचार्य उदय

यौनक्रीडा

"यौनक्रीडा में कहीं गौरव का भाव समाहित है तो कहीं गौरवान्वित होने का, किन्तु गर्व का कोई स्थान नहीं है।"
आचार्य उदय

स्वैच्छिक मिलन

"संभोग के लिए दो शक्तियों अर्थात व्यक्तित्व का स्वैच्छिक मिलन अर्थात समागम अत्यंत आवश्यक है स्वैच्छा के अभाव में एक-दूसरे का समान रूप से भोग करना संभव नहीं है।"

आचार्य उदय

स्त्री-पुरुष

"सिर्फ स्त्री-पुरुष का समागम रत होकर एक-दूसरे का भोग करना संभोग नहीं है वरन नदी का सागर में मिलन आत्मा का परमात्मा से मिलन अर्थात समागम भी संभोग है"
आचार्य उदय

संभोग

"संभोग से तात्पर्य दो शक्तियों अथवा व्यक्तित्व का आपस में स्वैच्छिक मिलन अर्थात समागम रत होकर एक-दूसरे का सामान रूप से भोग करने से है।"

आचार्य उदय

भोग व योग

“ भोग व योग दोनों का प्रतिफल संतुष्टि प्रदायक है किंतु भोग का प्रतिफल क्षणिक व व्यक्तिगत है और योग का प्रतिफल विस्तृत व सामाजिक है।”

आचार्य उदय