कुण्डलिनी शक्ति

"यह आवश्यक नहीं कि सिर्फ आँख मूंदकर ध्यान अथवा जाप करने से ही कुण्डलिनी शक्ति जागृत हो वरन किसी भी कार्य को एकाग्रचित होकर संपन्न करने के दौरान भी कुण्डलिनी शक्ति का जागृत होना संभव है।"
आचार्य उदय

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

एकाग्रता व समग्रता।

arvind said...

bilkul sach kahaa aapne.