सार्थकता

"हमारी अच्छी सोच की सार्थकता तब है जब हम उसे कार्य रूप में परिणित करें।"

आचार्य उदय

6 comments:

Sunil Kumar said...

सुंदर अतिसुन्दर बधाई

सूर्यकान्त गुप्ता said...

बिना अमली जामा पहनाये क्या मतलब होगा सुविचारों का। प्रणाम आचार्य! सत्य वचन।

नवीन said...

अच्छी सोच के साथ काम करने मे तरह तरह की दिक्कत आए और इससे मन हताश होने लगे तब क्या करना चाहिए ?

arvind said...

अतिसुन्दर

आचार्य उदय said...

@Navin Dewangan
किसी कार्य के संपादन में नियमित रूप से दिक्कतें आ रही हों तथा मन हताश होने लगे ... इन परिस्थितियों में उक्त कार्य को कुछ समय के लिये पेंडिंग छोड देना चाहिये।

Ravi Kant Sharma said...

मनुष्य जीवन की सार्थकता क्रियाशीलता में नहीं है बल्कि शुद्ध विचारों में ही निहित है।