धन

"धन का एकत्रीकरण बैंक अथवा अलमारियों में होने की अपेक्षा सौन्दर्यीकरण व विकास के क्षेत्र में होने से हम जीवन काल में उसका आनंद प्राप्त कर सकते हैं।"
आचार्य उदय

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

धन के प्रवाह में ही उसकी महत्ता है।