सुख-शान्ति

" मन की भावनाएं पावन पवित्र रहने से सुख-शान्ति का मार्ग सहज सरल हो जाता है। "

आचार्य उदय

1 comment:

Dr. Braj Kishor said...

अगर सतर्क नहीं रह सकता तो अपने आप को गुरु को समर्पित करदे.
यह भी नहीं कर सकता तो आस्था तो रखे ही गुरु में