प्रेम व स्नेह

"छल, प्रपंच, झूठ, फरेव दिखावे का व्यवहार माँ के समक्ष उचित नहीं है ऐसा व्यवहार हमें माँ के प्रेम स्नेह से वंचित रखता है।"

आचार्य उदय