समाज व व्यवस्था

"समाज व व्यवस्था से अधिकाधिक अपेक्षाएं रखने के स्थान पर यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि समाज व व्यवस्था के रूप में हमारा क्या योगदान है।"
आचार्य उदय

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

सच है, योगदान पहले आना चाहिये, अपेक्षायें बाद में।