सदैव पूज्यनीय

"जन्म देने वाली माँ एवं पालन पोषण करने वाली माँ दोनों का स्वरूप एक ही है तथा दोनों ही सदैव पूज्यनीय हैं ।"

आचार्य उदय

3 comments:

निर्मला कपिला said...

सत्य वचन।

KK Yadav said...

अच्छा वचन।

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'शब्द-सृजन की ओर' पर आज निराला जी की पुण्यतिथि पर स्मरण.

शरद कोकास said...

सद्वचन