भारत में तो मनुवाद पर आधारित हिन्दू धर्म या ब्राह्मणवादी धर्म ने ही यह कुकृत्य हजारों वर्ष तक किया है। आज भी जारी है! क्या कहना आपका?-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा निरंकुश, सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है। इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, या सरकार या अन्य बाहरी किसी भी व्यक्ति से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३४२ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६
9 comments:
जय हो आचार्य उदय जी की
सच है । समग्रता संयोजन में है ।
आभार !!
जय हो
अमृत वचनों की बारिश में भिगोने का शुक्रिया।
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किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?
अधिक चिंताजनक यह है कि जो यह संदेश देते हैं,समय आने पर स्वयं वे भी वही सब करते हैं(नोटःकृपया इसे व्यक्तिगत टिप्पणी न माना जाए)।
अती उत्तम विचार ...
भारत में तो मनुवाद पर आधारित हिन्दू धर्म या ब्राह्मणवादी धर्म ने ही यह कुकृत्य हजारों वर्ष तक किया है। आज भी जारी है! क्या कहना आपका?-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा निरंकुश, सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है। इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, या सरकार या अन्य बाहरी किसी भी व्यक्ति से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३४२ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६
सत्यवचन..अनुकरणीय
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