घमंड

" घमंड एक नशे के समान है जिसमें चूर होकर इंसान इंसानियत भूल जाता है और उसे स्वयं के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति तुच्छ लगने लगते है किन्तु घमंड के परिणाम सदैव ही नकारात्मक होते हैं "

आचार्य उदय

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

पूर्णतः सहमत

Dr.J.P.Tiwari said...

bilkul thik kaha aapne. puri tarah sahmat