मैं कौन हूं, आप सभी के मन की जिज्ञासा है यह जानने की, कि मैं कौन हूं, तो चलिये कोशिश कीजिये मुझे पहचानने की ... मैं एक आम साधारण या असाधारण इंसान हूं, मुझे देख कर कोई यह नहीं कह सकता कि ये फ़ला धर्म का व्यक्ति है ...
... कोई यह नहीं कह सकता कि इसने माथे पर टीका लगाया है इसलिये यह हिन्दू है ... और कोई यह भी नहीं कह सकता कि इसने ऎसी टोपी पहन रखी है जिसे देख कर कोई यह अनुमान लगाये कि यह मुसलमान है ... हां मैंने गले में कोई क्रास का प्रतीक भी नहीं पहना हुआ है जिसे देखकर कोई यह कहे कि यह तो ईसाई है ...
... आप सचमुच मुझे जानना चाहते हैं, पहचानना चाहते हैं तो आगे बढो ... आम रास्ते पर, बाजार में, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में, धार्मिक स्थलों में ... सभी स्थानों पर मैं हूं ... बस मेरी पहचान एक आम इंसान की है, मेरा कोई सांकेतिक धर्म नहीं है, कोई सांकेतिक जाति नहीं है, कोई सांकेतिक संप्रदाय नहीं है ... देखने में मैं एक साधारण इंसान हूं ...
... मानवता ही मेरा धर्म है, मानवीयता ही मेरी जाति है, मानवीय सोच - विचारधारा - द्रष्ट्रिकोण ही मेरा संप्रदाय है, हां मैं मानव धर्म का समर्थक हूं, अनुयायी हूं, पुजारी हूं ... यही मैं हूं और यही मेरी पहचान है ।
आचार्य जी
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11 comments:
मैं कौन हूं.......ya.....main hun don....
bahut satik parichay. majaa gayaa jisko koi nahi janata vah khud apna parichay de gayaa...
बहुत बढ़िया परिचय दिया है आपने .......हर इंसान की पहचान यही होनी चाहिए .
मानवता ही मेरा धर्म है, मानवीयता ही मेरी जाति है, मानवीय सोच - विचारधारा - द्रष्ट्रिकोण ही मेरा संप्रदाय है, हां मैं मानव धर्म का समर्थक हूं, अनुयायी हूं, पुजारी हूं ... यही मैं हूं और यही मेरी पहचान है ।
शायद भगवान ने आदमी को यही गुण धारन करने के लिये कहा था। अगर ये है तो आप महान हैं शुभकामनायें
sunder soch........
सही बात है कि बाह्य दृश्यावली केवल धर्मोन्मुखी प्रवृत्ति दर्शाती है जबकि महत्व केवल मनुष्यता भर का है. और फिर वह भी चार दिन की बात है... फिर भी मनुष्य है कि स्वयं को न जाने क्या क्या समझ लेता है व अहंकार का पराकाष्ठा तक नहीं रहती.
भूल सुधार--- का=की
badhiya parichay...
मै एक साधरण इंसान हूँ । अपने ब्लागर प्रोफाईल पर कुछ अपने बारे मे जरूर लिखीऐ ।और हाँ मै भी एक मानव हूँ मानवता मेरा धर्म है । ब्लाग से जुङे किसी भी समस्या के लिऐ इटिप्स ब्लाग को पढते रहिये ।
डाँन
thik hai achcha laga...
बहुत अच्छी रचना |बधाई
आशा
sach bolu......kuch faltu h ye.....'mei kaun hu.'
who the hell want to know.
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