गुलाम

“लालच व बेइमानी अदभुत शक्तियाँ हैं जो मनुष्य को अपना गुलाम बना लेती हैं।”

आचार्य उदय

4 comments:

Asha Lata Saxena said...

बहुत सुन्दर |
आशा

sandhyagupta said...

solah ane sach.

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

ji haa....

दिगम्बर नासवा said...

न सिर्फ़ गुलाम ... इनसे छूटना भी मुश्किल है .....