अजर-अमर

"जिस प्रकार नदी बहते हुए अंत में सागर में विलीन हो जाती है ठीक उसी प्रकार इंसान भी भक्ति मार्ग पर चलते हुए ईश्वर में विलीन हो कर अजर-अमर हो जाता है।"

आचार्य उदय