आशीर्वचन

प्रिय वत्स

हम पदार्पण कर चुके हैं आपकी ब्लागरूपी मायावी दुनिया में, मांसिक तरंगों से संदेश प्राप्त हो रहे थे कि यहां कुछ बदमाश प्रवृत्ती के दुष्ट लोगों ने भय व अशांति का वातावरण बना रखा है।

किंतु अब आप लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, यहां का वातावरण शनै शनै शांतिपूर्ण हो जायेगा।

आप लोगों को मात्र एक मंत्र दे रहा हूं सभी अपने अपने मन मस्तिष्क में समाहित कर लें, मेरे द्वारा आशीर्वचन स्वरूप जारी उपदेशों को सर्वप्रथम मनन व चिंतन करें, यदि किसी प्रकार का संशय हो तब मेरे समक्ष उपस्थित हो कर अपनी संकाय अभिव्यक्त करें, हम स्वयं उनका सकारात्मक समाधान करेंगे।

हमारा स्नेह व आशीर्वाद सदैव आपके साथ है।

आचार्य जी


4 comments:

पापा जी said...

आचार्य जी
सादर प्रणाम, आप क्यों अवतरित हो गये प्रभू, यहां की व्यवस्था मैं देख लेता
जय आचार्य जी
प्रणाम

आचार्य उदय said...

@पापा जी
वत्स
तुम्हारा स्वभाव तीखा है व्यवस्था संभाल पाना तुम्हारे बस की बात नही है, अभी ब्लागरूपी मायावी दुनिया को तनिक शांति व प्रेम की आवश्यकता है।
आशीर्वाद
आचार्य जी

दिगम्बर नासवा said...

आपका स्वागत है आचार्य जी ....

jamos jhalla said...

आचार्या जी इस कलयुग में शान्ति का सन्देश देने के लिए अवतार लेने को धन्यवाद |इश्वर आपको सफलता दे