जाति, धर्म, संप्रदाय से परे है मानव धर्म ......... मानव धर्म की ओर बढते कदम !
आभार सदविचार का.
सही बात....सुंदर वचनामृत के लिए धन्यवाद
सही
सच्ची और गहरी बात
निश्चित रूप से ...
आँख बन्द करके देखे गये सपने कभी पूरे नहीं होते हैं, आँख खोलकर देखे गये ख्वाब अवश्य पूरे हो सकते हैं।
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6 comments:
आभार सदविचार का.
सही बात....सुंदर वचनामृत के लिए धन्यवाद
सही
सच्ची और गहरी बात
निश्चित रूप से ...
आँख बन्द करके देखे गये सपने कभी पूरे नहीं होते हैं, आँख खोलकर देखे गये ख्वाब अवश्य पूरे हो सकते हैं।
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