भाषा

"वह दिन दूर नहीं जब सम्पूर्ण धरती पर एक ही भाषा अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में उभर कर सामने जायेगी जो हर जुबान पर बोली सुनी जायेगी।"
आचार्य उदय

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

पर लगता है कि भाषायी विविधता बनी रहेगी।