"ये माना कि यह दावा सच्चा हो कि हमारे देश में कोई भ्रष्टाचारी नहीं है! कोई बताये फिर भ्रष्टाचार कौन व कैसे कर रहा है जिससे देश की व्यवस्था दिन-व्-दिन खोखली हो रही है!!"
आचार्य उदय
जाति, धर्म, संप्रदाय से परे है मानव धर्म ......... मानव धर्म की ओर बढते कदम !
2 comments:
sachmuch...bhrastachar se desh khokhala ho raha hai.
भ्रष्टाचार हर ओर फैला हुआ है।
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