"पर्यावरण से तात्पर्य हमारे आसपास, चारों ओर फैले अर्थात बिखरे प्राकृतिक वातावरण से है पर्यावरण जितना स्वच्छ व मनभावन रहेगा हम उतने ही खुशहाल व स्वस्थ्य रहेंगे।"
आचार्य उदय
जाति, धर्म, संप्रदाय से परे है मानव धर्म ......... मानव धर्म की ओर बढते कदम !
2 comments:
kaash pryaavrn aesa svchch ho ske isi ki duaa he shaayd qubul ho jaaye. akhtar khan akela kota rajsthan
आसपास के लोग खुश रहेंगे तो आप भी खुश रहेंगे।
Post a Comment