शिक्षा

"शिक्षा का विकास व विस्तार देश, समाज व् संस्कृति के हित में सर्वोपरी है हमें हर क्षण इस दिशा में क्रियाशील रहना चाहिये।"
आचार्य उदय

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

क्रियाशीलता में ही विकास है।