ऊर्जा

"मन की भावनाएं सदैव ऊर्जावान होती हैं हमें ऊर्जाओं में समाहित शक्तियों को पहचान कर ग्रहण करने के लिए एकाग्रचित होने की आवश्यकता है।"
आचार्य उदय

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

एकाग्रता में ही ज्ञान है।