जाति, धर्म, संप्रदाय से परे है मानव धर्म ......... मानव धर्म की ओर बढते कदम !
सच बात है।
वाणी में मधुरता इंसान के व्यक्तित्व को निखारती व ओजस्वी बनाती है।"....param satya.
sahi baat
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3 comments:
सच बात है।
वाणी में मधुरता इंसान के व्यक्तित्व को निखारती व ओजस्वी बनाती है।"
....param satya.
sahi baat
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