बुराईयाँ

"समाज में व्याप्त बुराईयों को मिटाने के साथ साथ हमें अपने अन्दर जन्म ले रहीं बुराईयों का भी नाश करना आवश्यक है।"

आचार्य उदय

1 comment:

सूर्यकान्त गुप्ता said...

निश्चित तौर पर अनुकरणीय। आचार्य जी को दशहरे की शुभकामनाओं सहित नमन वन्दन अभिनन्दन।