"धन-दौलत का लोभ एक मानवीय व्यवहार है तथा इंसान इस लोभ के लालच में सम्पूर्ण नैसर्गिक व मानवीय मर्यादाओं का त्याग कर न सिर्फ स्वयं वरन परिजनों को भी पाप का भागीदार बना लेता है।"
आचार्य उदय
जाति, धर्म, संप्रदाय से परे है मानव धर्म ......... मानव धर्म की ओर बढते कदम !
3 comments:
लोभ बहुत बुरी चीज है|
param satya.
saty vachan....
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